22nd law commission of India का गठन फरवरी 2020 को किया गया था जिसका कार्यकाल प्रकाशन की तारिक से तीन वर्ष की अवधी के लिए था
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आज कल यह बहुत चर्चा में क्यूंकि माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई में सेंट्रल मंत्रिमंडल ने 22nd law commission की कार्यकाल अवधी 31 अगस्त 2024 तक कर दी है
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स्वतंत्रता के बाद अभी तक 22 विधि आयोग बन चुके है 22वें विधि आयोग के अध्यक्ष न्याय मूर्ति ऋतुराज अवस्थी जी है जो इस पहले कर्नाटक उच्च न्यालय के मुख्य जज थे
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law commission of India का गठन यह सुनिश्चित करने के लिया किया जाता है की जो विधियां बनाई गई है वो पूरी तरह से निष्पक्ष और सभी के लिए नयायसंगित है
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law commission of india हमारे संविधान में परिभाषित नहीं किया गया है। इसका गठन अनुच्छेद 39A के एक हिस्से के रूप में किया जाता है। जिसका मुख्य कार्य कमजोर वर्गों को न्याय देना है
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law commission के अध्यक्ष का चयन न्यायिक के द्वारा किया जाता है, ये अध्यक्ष हमेशा सुप्रीम कोर्ट के जज होते है और वो अपने अनुभव से इस आयोग के कार्यों को करते है
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यह आयोग स्वतंत्र है जो अपने अनुभव और सिद्धांतों के आधार पर चल रही सरकार को नए कानून बनाने के लिए बताता है। इस आयोग का न्याय के क्षेत्र को बेहतर बनाने का लक्ष्य होता है